नाटो (NATO) एक अंतर्राष्ट्रीय संधि संगठन है, जो कि यूरोपीय देश और उत्तरी अमेरिका के देशों से मिलकर बना है।
NATO को फ्रेंच में OTAN कहते हैं जो कि नाटो का बिल्कुल उल्टा है।
नाटो का पूरा नाम क्या है
N– North (नॉर्थ- उत्तरी)
A– Atlantic (अटलांटिक)
T– Treaty (ट्रीटी- संधि)
O– Organization (ऑर्गेनाइजेशन- संगठन)
Nato Full Form
नाटो का पूरा नाम नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गेनाइजेशन है।
नाटो का उद्देश्य
नाटो का मुख्य उद्देश्य है अपने संगठन में शामिल सभी देशों को सम्पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करना, एवं विपरीत परिस्थति या मुसीबत के समय एकजुट होकर एक-दूसरे का सहयोग करना इसका सबसे मुख्य और शक्तिशाली देश अमेरिका है नाटो का अहम् लक्ष्य है सुरक्षा नीति पर कार्य करना।
क्या है नाटो
नाटो की स्थापना 4 अप्रैल, 1949 को हुई थी यह एक सैन्य गठबंधन है इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है इसका स्थापना का मुख्य उद्देश्य है संकट के समय सदस्य देश कि रक्षा करना अथवा सुरक्षा प्रदान करना, इसे सोवियत संघ के खिलाफ़ सामूहिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा तथा कई पश्चिमी यूरोपीय देशों के द्वारा 4 अप्रैल, 1949 कि उत्तरी अटलांटिक संधि द्वारा कि गई थी, उत्तरी अटलांटिक संधि को वाशिंगटन संधि के नाम से भी जाना जाता है।
आधिकारिक भाषा: अंग्रेजी, फ़्रांसिसी
NATO के 4 अंग हैं: परिषद् , उप-परिषद् , प्रतिरक्षा समिति एवं सैनिक समिति
1949 में NATO के मूल सदस्य:
बेल्जियम
कनाडा
डेनमार्क
फ्रांस
आइसलैंड
इटली
लक्जमबर्ग
नीदरलैंड
नॉर्वे
पुर्तगाल
यूनाइटेड किंगडम
संयुक्त राज्य अमेरिका
नाटो में कितने सदस्य देश हैं
वर्तमान में नाटो के सदस्य: अप्रैल, 2023 के पहले नाटो में 30 देश शामिल थे लेकिन 4 अप्रैल, 2023 को फिनलैंड NATO का 31वां सदस्य बना।
नाटो के वर्तमान महासचिव 2023
वर्तमान में NATO का नया महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग को बनाया गया है ये नार्वे के पूर्व प्रधानमंत्री हैं, इनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया है।
Note: नाटो में भारत शामिल नही है क्योंकि India उत्तरी अटलांटिक में नही है.