Bhasha Lipi aur Vyakaran Hindi Grammar Tricks
Bhasha Lipi aur Vyakaran Hindi Grammar Tricks

 

Bhasha Lipi aur Vyakaran Hindi Grammar Tricks
Bhasha Lipi aur Vyakaran Hindi Grammar Tricks

याद करने और समझने की आसान एवं सरल विधि सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य रूप से उपयोगी 


प्रिय… दोस्तों हिन्दी व्याकरण से बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में प्रतियोगियों से पुछे जाते हैं. जिसमे परीक्षार्थी बहुत सारी गलतियां कर आते हैं. और जिसका परिणाम ये होता है, कि उनका सलेक्शन नहीं हो पाता है. कारण क्या है……? या तो उन्हें याद करने की विधि समझ नही आ रही या फिर ट्रिक्स के बारे में जानकारी ही नहीं है.

Bhasha Lipi aur Vyakaran Hindi Grammar Tricks

 परीक्षार्थियों की इसी समस्या का समाधान करने की एक कोशिश है मेरी जो जानकारी और ट्रिक्स मेरे पास है उसे साझा करने के लिए ये पोस्ट माध्यम है. मेरा Education ब्लॉग का Main Focus तो (Gk Quiz) है. पर हिन्दी व्याकरण को केवल Quiz के माध्यम से कवर कराना गलत होगा, जब तक Basic Concept Clear ना हो. तो आइये हिन्दी व्याकरण के आसान Tricks को समझने से पूर्व हम कुछ जरूरी बातों को समझ लें ताकि आगे आसानी हो.

भाषा क्या है

भाषा: शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के ‘भाष’ धातु से हुआ है, जिसका अर्थ होता है ‘बोलना’. सामान्य शब्दों में अगर भाषा को समझे तो जिन ध्वनि संकेतों के माध्यम से हम अपने विचारों को प्रकट या अभिव्यक्त करते हैं. और दूसरे मनुष्यों के विचारों को भली-भांति समझते हैं उन्ही ध्वनि संकेतों को भाषा कहते हैं.
हर व्यक्ति की अपनी एक अलग भाषा होती है. तथा मनुष्य अपनी भाषा को तीन रूपों से अभिव्यक्त करता है- (1) मौखिक (2) लिखित (3) सांकेतिक भाषा (संकेत के माध्यम से)
मौखिक भाषा- जब कोई व्यक्ति अपने मुख से कुछ बोलकर अपने विचारों को अन्य व्यक्तियों के बीच प्रकट करता है. तब उसे मौखिक भाषा के अन्तर्गत रखा जाता है.

लिखित भाषा- लिखित रूप से अपने विचारों को प्रकट करने के लिए एक लिपि की जरुरत होती है.

जैसे देवनागरी एक लिपि है. जब कोई व्यक्ति कुछ लिखकर अपने विचारों को प्रकट करता है, तब उसे लिखित भाषा कहते हैं.

सांकेतिक भाषा- जब कोई व्यक्ति अपने विचारों को प्रकट करने के लिए अपनी आँख, मुँह एवं हाथों के द्वारा अपने भावों को प्रकट करता है. तब यह भाषा का सांकेतिक रूप कहलाता है.
भाषा के तीन अंग- (1) वर्ण (2)शब्द (3) वाक्य

 

(1) वर्ण/अक्षर: वर्ण एक मूल ध्वनि होती है जिसके खण्ड, हिस्से या टुकड़े नही किये जा सकते हैं.
उदाहरण के लिए- अ, उ, ई, क्, ख्, व, च… इत्यादि.

 

(2) शब्द:- वर्णों या अक्षरों के समूह को शब्द कहते हैं उदाहरण के लिए- राम, घर, वन, चल… इत्यादि.

 

(3) वाक्य:- शब्दों के समूह से वाक्य बनता है जिससे किसी अर्थ का बोध होता है उदाहरण के लिए- राम आम खाता है.

 क्या है लिपि

लिपि क्या है- शब्दों को एक नियम के अन्तर्गत या कुछ नियमों के तहत् बांध दिया जाता है. और शब्दों को विधि पूर्वक लिखा जाये तब वह लिपि कहलाती है सभी प्रकार की भाषाओँ की अपनी एक लिपि होती है. जैसे- देवनागरी हिन्दी की लिपि, गुरुमुखी पंजाबी की लिपि और रोमन अंग्रेजी भाषा की लिपि है.

 

व्याकरण- व्याकरण शब्द का अर्थ शब्दों का विश्लेषण करना है. मतलब जब हम किसी भाषा को बोलते या लिखते हैं तब उसके वर्णों, शब्दों एवं वाक्यों का शुध्द रूप से प्रयोग करना ही व्याकरण है. व्याकरण शब्द ‘वि’ तथा ‘आ’ उपसर्ग पूर्वक ‘कृ’ धातु से ल्यूट् प्रत्यय के लगने से बना है.

 

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